सोमवार, 4 अप्रैल 2011

 
 वर दे ! वर दे!! वर दे!!!

एक दिन बोले भोगी जी!
 इक बात बताओ योगीजी !!
मेरे मन में जिज्ञासा है ,
समाधान की आशा है?
मैं बोला निसंकोच कहो
सोच के कहो बिनसोच कहो!!

ख़ुशी ख़ुशी भोगी बोले प्रश्नों के दागे गोले
बोले कि जल से पतला कौन है कौन भूमि से भारी
कौन आग से तेज है और कौन काजल से काली !!!

जल से पतला कौन है?
जी, माफिया का डोन है,
देश जिसका बंगला है
दिल्ली जिसका लॉन है,
जनपथ से राजपथ तक जिसका आना जाना ऑन है {अधिक अर्थ हेतु १० जनपथ और ०७ राजपथ पढ़े }
जल से पतला कौन है ?
जी,माफिया का डोन है !!

कौन भूमि से भारी है?
जी,आज कल कि नारी है,
घर में पति बेचारा है,
बाहर ये बेचारी है
३३ की अधिकारी है
वेट मशीन पे वेट करवालो ये सब पे भारी है
कौन भूमि से भारी है?
जी, आज कल की नारी है!!

गठबंधन सरकारों में
जो घूमता है कारों में
निर्दलीय जीत कर आता है
और मंत्री पद पा जाता है
ऐसे नेता का क्रेज है
यह आग से भी तेज है !!

हमारे नेता भालू से
कलमाड़ी और लालू से
सुखराम मुलायम चालू से
बने है चिकनी बालू से
सब के सब बंटाधारी है
पोलिटिक्स काजल से काली है!!

इतना सुनकर भोगीजी
जो थे हार्ट के रोगी जी
हार्ट पकड़ के बैठ गए
दर्द उठा तो लेट गए
फिर तो बड़ा दुर्योग हुआ
उनका हमसे वियोग हुआ
तब से बहुत मैं डरता हूँ
नित्य प्रार्थना करता हूँ
वर दे, वर दे , वर दे,
जनता को दिल देने वाले नेताओ को भी दिल का वर दे!
यदि नहीं तो हम सबके सीने में इक पत्थर धर दे!!वर दे वर दे वर दे!!!

3 टिप्‍पणियां:

  1. जनता को दिल देने वाले नेताओ को भी दिल का वर दे!
    यदि नहीं तो हम सबके सीने में इक पत्थर धर दे!!वर दे वर दे वर दे!!
    kash bhagwan aapki ye kamna zaroor poori kar de.bahut achchha likha hai yogi ji

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