रविवार, 27 मार्च 2011

       राजनीति के आप खिलाडी

चित भी मेरी पट भी मेरी ठेंगा मेरे बाप का!
राजनीति के आप खिलाडी क्या कहना है आपका!!

 
दलाली खाई,हलाली खाई,सदा कमी काली खाई,
लालटेन के उजियारे में cm  बन गए धणी लुगाई,
चार सो करोड़ का चारा चर गए,
अपना वारा न्यारा कर गए,नेता है कि जैसे कोई पुनर्जन्म जिराफ का!!१!!राजनीति के आप ...

राम पंथी वाम हुए है ,वाम पंथी विराम हुए है,
सुराज स्वदेशी तमाम हुए है, प्याज भाव में आम हुए है,
 सब के सब कुर्सी के टट्टू,
उसी के आशिक उसी पे लट्टू ,धन भी काला-मन भी काला,ज्यो इंजन हो भाप का!!२!!राजनीति के आप...

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